मगर हर चीज मुकम्मल करने के लिए जरूरत है तेरी।
वादा है मेरा ज़िन्दगी भर तेरे कानों में मेरी मोहब्बत गूंजेगी।
ज़िद पर आ जाऊं तो पलट के भी ना देखुं मेरे सब्र से अभी तू वाकिफ़ कहा है।
माना की औरो के मुकाबले कुछ ज्यादा पाया नहीं मैंने,
अभी आँखों की शमाएं जल रही हैं प्यार जिंदा है,
मोहब्बत मैं भी करता हूँ मगर चर्चा नहीं करता।
तब लोग जिंदा तो होते हैं लेकिन किसी और के अंदर।
जिस पर बोझ बन जाउँ, उसे मैं ख़ुद ही छोड़ देता हूँ।
हात नहीं उठाते बस नज़रों से गिरा देते हैं।
नजर हम फेर ले तो हुस्न का बाजार गिर जायेगा..!!
कुछ ही देर website की खामोशी है, फिर कानों में शोर आएगा ! तुम्हारा तो सिर्फ वक्त है… हमारा तोह दौर आएगा !
“फर्क बहुत है तेरी और मेरी तालीम में, तूने उस्तादों से सीखा है और मैंने हालातो से…”
मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना, पहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुका हूँ मैं।